हनीट्रैप गैंग में व्यवसायी, अधिकारी और मीडियाकर्मी भी थे शामिल
हनीट्रैप गैंग में व्यवसायी, अधिकारी और मीडियाकर्मी भी थे शामिल

 


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भोपाल। हनीट्रैप मामले की चार आरोपितों के खिलाफ मानव तस्करी के आरोप में एसआईटी द्वारा शनिवार को राजधानी की जिला अदालत में पेश चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।


चार्जशीट में मानव तस्करी मामले की पीड़िता और हनीट्रैप मामले की आरोपित मोनिका यादव ने पुलिस को दिए बयानों में बताया है कि इन आरोपितों के साथ राजधानी और प्रदेश के कई बड़े बिजनेसमैन और पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।


न्यायिक मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव की अदालत में पेश चालान में खुलासा हुआ है कि मामले में आरोपित आरती दयाल, श्वेता विजय जैन के साथ बिजनेसमैन अरुण सहलोत, मीडियाकर्मी वीरेन्द्र शर्मा मिलकर काम करते थे। मानव तस्करी मामले में पीड़ित युवती मोनिका यादव ने एसआईटी को दिए बयानों में बताया है कि अरुण सहलोत ने ही आईएएस पीसी मीणा के अश्लील वीडियो वायरल किए थे। इसके बाद श्वेता विजय जैन और आरती दयाल के बीच दूरियां बन गई थीं।


मोनिका ने बयानों में बताया है कि आरोपितों द्वारा ब्लैकमेलिंग के हर मामले में मीडियाकर्मी गौरव शर्मा ही माध्यम होता था व इनके माध्यम से ही ब्लैकमेल के पैसों का लेन-देन होता था। आरोपितों ने ब्लैकमेलिंग के जरिए ट्रांसफर, पोस्टिंग, सरकारी ठेके दिलाने का काम हाथ में ले रखा था। इस मामले में छतरपुर के एक थाना प्रभारी की भी भूमिका सामने आई है जिसे आरोपितों द्वारा अश्लील वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल करने संबंधी सभी बातें मालूम थी।


वसूली के साथ ठेके भी हथियाए मोनिका ने बयान में बताया है कि आरती ने छतरपुर में स्थानीय नेता मनोज त्रिवेदी का अश्लील वीडियो बनाया था, जिसे वह ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलना चाहती थी लेकिन उस टीआई ने आरती को बताया कि त्रिवेदी प्रभावशाली नेता है और उसके लोग कुछ भी कर सकते हैं।


टीआई की बात सुनकर आरती ने त्रिवेदी को ब्लैकमेल करने का इरादा छोड़ दिया था। मोनिका ने बताया कि आरोपितों ने छतरपुर के कार शोरूम संचालक मनीष अग्रवाल, भोपाल के व्यवसायी नरेश सीतलानी, खुद को सरकारी अफसर बताने वाले अरुण निगम और हरीश खरे को ब्लैकमेल करके मोटी रकम और सरकारी ठेके हासिल किए थे।


ब्लैकमेलिंग के जरिए आरोपितों ने आईएएस पीसी मीणा से 20 लाख रुपए, व्यवसायी नरेश सीतलानी से 5 लाख रुपए और एक अन्य आईएएस अधिकारी से एक करोड़ रुपए लिए थे। इस मामले में गौरव शर्मा भी शामिल था जिसके हिस्से में 33 लाख रुपए आए थे। गौरव ही पूरे पैसों का सेटलमेंट कराता था। इस मामले में अभी एसआईटी पूरक चालान पेश करेगी, जिसमें गौरव और ओमप्रकाश नामक व्यक्ति के खिलाफ भी पूरक चालान पेश किया जा सकता है। वही दूसरी और अभी दिल्ली-भोपाल के कई वरिष्ठ पत्रकार भी जाँच के घेरे में है।


एसआईटी ने चालान में बताया है कि आरोपित आरती दयाल की गुलाबी डायरी में सरकारी अफसरों के ट्रांसफर संबंधी जानकारी और अंतरंग वीडियो के आधार पर ब्लैकमेलिंग से करोड़ों रुपए की उगाही की जानकारी दर्ज है। मामले में आरोपित आरती दयाल की हस्तलिपि में पांच डायरी मिली हैं, जिसमें गुलाबी डायरी में अंतरंग वीडियो के आधार पर वसूली गई रकम का उल्लेख है। जिन लोगों से यह वसूली की गई है, उनके नाम कोडवर्ड में लिखे हैं। आरती से बरामद अन्य चार डायरियों में सरकारी अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग संबंधी जानकारी और करोड़ों की प्रॉपर्टी के लेन-देन की जानकारी भी दर्ज है।


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