शराब के प्रतिबंध के बावजूद भी शराब माफिया के हौसले बुलंद, मनमाने दामों में घर पहुंचा रहे शराब, इन चीजों की भी खुलेआम हो रही कालाबाजारी 


शराब के प्रतिबंध के बावजूद हो रही कालाबाजारी, ऊचे दामों में घर पहुंच सेवा दे रहे शराब माफिया


TOC NEWS @ www.tocnews.org


ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567



गुटखा पाऊच के दामों में भी तीन गुना वृध्दि कर बेच रहे दुकानदार



नागदा खाचरौद.। कोविड 19 कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉक डाऊन के इस दौर में आम लोगों को जरूरत का सामान एकत्रित करने में भले ही परेशान होना पड़ रहा हो किंतु शराब के शौकिनो को घर बैठे मिल रही है शराब। शराब का अवैध धंधा करने वाले लोग लॉक डाऊन के मौके पर भरपूर फायदा उठा रहे हैं और शराब प्रेमियों को महंगे भावो मे शराब परोस रहे हैं। वही आलम यह है कि 60 रुपए का मिलने वाला 180 एमएल का देशी क्वाटर 130 से 150 रुपए में मिल रहा है। 


अंग्रेजी शराब की बोतलों में भी 50 प्रतिशत से 70 प्रतिशत की बढोत्तरी की गई है। घर तक पहुंचाने का चार्ज भी वसूल रहे शराब सप्लायर । घर पहुच सेवा में पुरुष शामिल है किंतु हैरानी की बात तो यह है कि शहर व आसपास के गांवो में इस संक्रमण के दौर में अवैध शराब की बिक्री करने में महिलाएं भी सक्रिय हैं। देर रात्रि दरवाजे पर दस्तक होती है तो अवैध शराब के कारोबार में लगी महिलाएं समझ जाती हैं कि कोई शराब खरीदने आया है और वे दरवाजा खोलने के साथ हांथ में देशी शराब का क्वाटर थामें ही बाहर निकलती हैं और मन चाही कीमत में शराब का क्वाटर पकड़ाकर दरवाजा बंद कर लेती हैं। किंतु इस कारोबार से आबकारी अमला जानबूझकर अनजान बना हुआ है।





श्री आर. पी. वर्मा SDM नागदा



शराब की सभी दुकानें सील है तो, फिर कहां से आ रही अवैध शराब


लॉक डाऊन के कारण कर्फ्यू लगते ही देशी एव अंग्रेजी शराब की दुकानो को बंद कर दिया गया था। अगले दिन 21 दिन के लिए लाॅकडाउन घोषित कर दिया गया। जिस पर जिला दंडाधिकारी के द्वारा दो दिन बाद शराब की दुकान के खोलने पर भी बंदिश लगा दी गई। इस दौरान दुकानों को सील भी कर दिया गया। अब सवाल यह उठ रहा है की लगभग एक महिने से शराब की दुकाने पुर्ण: सील हैं तो अवैध शराब कारोबारियों तक शराब कहां से पहुंच रही है। इसमें आबकारी विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।


शहर के चप्पे चप्पे पर लगा है पुलिस बल, नही रूक रहा शराब का परिवहन


लॉकडाउन के बावजूद शहर में शराब तस्करी का धंधा बेखौफ चल रहा है। हैरत की बात यह है कि नगर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात होने के बावजूद शराब तस्करी की जा रही है। हालात यह है कि नागदा और खाचरौद में लॉकडाउन के शुरुआती समय की कार्रवाई को छोड़कर अभी तक कोई बड़ी उपलब्धि पुलिस या आबकारी विभाग के खाते में नहीं आई है, जिसमे किसी शराब माफिया को परिवहन करते हुए पकड़ा गया हो। नागदा-खाचरौद क्षेत्र में पुलिस की मुस्तैदी के बावजूद शराब तस्करी और बिक्री कई सवालों को जन्म दे रहीं है।





अरविंद सिंह SDOP खाचरौद



चार गुना ज्यादा दामों पर बिक रहे गुटखा पाऊच


राज्य सरकार ने तंबाखू उत्पादों पर रोक लगाने के उद्देश्य से प्रदेश में गुटखा बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है किंतु यह प्रतिबंध सिर्फ दिखावे का है हकीकत यह है कि नागदा और खाचरौद में गुटखा की बिक्री कभी भी नहीं रुकी है, हां गुटखा में तंबाखू न मिलाकर तंबाखू की अलग से पुडिया थमाई जाती है, जिसे लोग गुटखे में मिलाकर सेवन कर रहे हैं। इधर लॉकडाउन के दौरान शराब के साथ गुटखा पर भी प्रमुखता से प्रतिबंध लगाया गया है किंतु नागदा और खाचरौद दोनों ही शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में किराना की दुकानों व गुमटियां संचालकों के द्वारा खुलेआम गुटखा की बिक्री की जा रही है, जो गुटखा लॉकडाउन के पूर्व 10 रुपए में बेंचा जाता था उसकी कीमत अब 20 से 30 रुपए कर दी गई है। गुटखा प्रेमी मोटी कीमत चुकाकर अपनी नशे की लत को पूरा कर रहे हैं।



अरविंद सिंह, एसडीओपी खाचरौद के द्वारा फोन पर दी गई जानकारी


अवैध दारू पर तो हमने बहुत कार्रवाई की है और चल भी रही हैं। गुटखा पाऊच की जानकारी नहीं है, पाऊच के सम्बंध शिकायत मिली थी तो हमने उसकी दुकान बंद करा दी थी। गाड़ी से दारू अंदर नहीं आ रही हैं, या तो अंदर ही पहले का स्टॉक हो सकता है। अगर किसी की भी जानकारी मिलती हैं तो उस पर कार्रवाई जरूर की जाएगी। 


आर.पी. वर्मा, एसडीएम नागदा के द्वारा फोन पर प्राप्त जानकारी के अनुशार


अभी तक तो हम लोग कोरोना नियंत्रण पर ध्यान दे रहे थे और शहर में सीमाबन्दी पर जोर दे रहे हैं। गुटखा बेचना तो अपराध हैं ही, दुगनी कीमत पर बेचना तो और बड़ा अपराध है। आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है, शीघ्र ही फूड इंस्पेक्टर, तहसीलदार और टीआई को इस पर भी ध्यान देने के लिए निर्देशित करता हूं। गाड़ियों से शराब परिवहन हो रहा हैं तो सीएसपी को भी वाहनों की जांच आवश्यक रूप से करने को कहता हूं।