फर्जी वेबसाइट प्रकरण में प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क को दिये हाईकोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश, 90 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
फर्जी वेबसाइट प्रकरण में प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क को दिये हाईकोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश, आरोपियों के एक आयुक्त से संबंध की वजह से  विभाग  के अधि रियों ने हाईकोर्ट के आदेश  को नकारा 

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जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीपति श्री विशाल धागट जी ने मध्यप्रदेश में जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत होने वाले फर्जी वेबसाइट घोटाले के मामले में आज प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं आयुक्त जनसंपर्क को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए।


फर्जी वेबसाइट प्रकरण में प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क को दिये हाईकोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश, आरोपियों के एक आयुक्त से संबंध की वजह से  विभाग  के अधि रियों ने हाईकोर्ट के आदेश  को नकारा 

जनसंपर्क विभाग मध्य प्रदेश कई वर्षों से फर्जी वेबसाइट घोटाले के मामले में चर्चित है। विगत 2 वर्षों से फर्जी वेबसाइट को फायदा पहुंचाने के लिए आंख बंद करके विज्ञापन बांटने के खिलाफ 2017 में 'ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" आइसना ) के प्रांतीय अध्यक्ष विनोद मिश्रा ने 07 फरवरी 2017 ज्ञापन सौंपकर शिकायत की थी कि फर्जी तरीके से गूगल एनालिसिस रिपोर्ट तैयार कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर विज्ञापन प्राप्त करने हेतु कई वेबसाइट संचालक फर्जी तरीके से विज्ञापन प्राप्त कर रहे थे। यही शिकायत मध्यप्रदेश के उक्त पत्रकार संगठन के द्वारा आयुक्त जनसंपर्क को शिकायत प्रेषित की थी शिकायत होने के पश्चात करीब 2 वर्ष बीत गये। परंतु जनसंपर्क विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि उन लोगों को संरक्षण देकर फर्जी वेबसाइट में दिए गए विज्ञापन के भुगतान भी समय-समय पर कर दिया गया।


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फर्जी वेबसाइट प्रकरण में प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क को दिये हाईकोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश

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फर्जी वेबसाइट घोटाले की शिकायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद मिश्रा ने भोपाल सायबर सेल के पुलिस अधीक्षक और भोपाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस अधीक्षक को की थी, उक्त शिकायत में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ आज दिनांक तक शिकायतकर्ता के किसी भी प्रकार की कोई बयान दर्ज नहीं किये ना इस प्रकरण में किसी प्रकार की जांच आरंभ की। वहीं उक्त प्रकरण में साइबर थाना भोपाल द्वारा जांच की गई जिस पर जनसंपर्क विभाग द्वारा फर्जी वेबसाइट संचालकों को बचाने का भरपूर प्रयास किया, साइबर थाने ने अपनी जांच में पाया कि उक्त प्रकरण में 420,467,468 एवं 120 बी के तहत अपराध किए गए हैं, वहीं अभियोजन पक्ष ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है कि जनसंपर्क विभाग की भूमिका संदिग्ध है इसलिए विभाग से संबंधित अधिकारियो और कर्मचारियों व वेबसाइट संचालकों की संदिग्ध भूमिका है सांठगांठ है। इस सांठगांठ का सरकार को प्रतिमाह लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।











फर्जी वेबसाइट प्रकरण में प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क को दिये हाईकोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश, आरोपियों की सूची 

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उक्त प्रकरण में जांच में समय लगने और जनसंपर्क विभाग द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने के कारण पत्रकार संगठन को माननीय हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा।इस मामले में 'ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन"(आइसना) के प्रदेश अध्यक्ष विनोद मिश्रा ने फर्जी वेबसाइट के मामले में एक याचिका प्रस्तुत की जिस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीपति श्री विशाल धागट जी ने आज दिनांक 27 अगस्त 2019 को अपने आदेश में प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं आयुक्त जनसंपर्क को शिकायत की जांच कर निराकरण करने के निर्देश दिए है।











फर्जी वेबसाइट संचालकों में कथित अवधेश भार्गव की मुख्य भूमिका नीली कोटि में 

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फर्जी वेबसाइट घोटाले में याचिकाकर्ता विनोद मिश्रा के एडवोकेट श्री मानसमणि वर्मा जी ने माननीय न्यायालय से उक्त प्रकरण में अविलंब जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया। याचिका में फर्जी वेबसाइट संचालकों में कथित अवधेश भार्गव की मुख्य भूमिका है इनके साथ ही अन्य आरोपी अवधेश भार्गव, अवनीश कुमार भार्गव, जितेंद्र भार्गव, संजय रायजादा, प्रदीप तिवारी, निशांत तिवारी, प्रशांत तिवारी, कल्पना शर्मा, राकेश शर्मा, के के पियासी, वैशाली डुमने, रवि चटर्जी, सुबोध, कार्तिक, सतीश सिंह, जय कुमार शर्मा, एनडब्ल्यून्यूज़डॉटकॉम, वेब डेवलपर नर्सिंग सेगर याचिका में आरोपी शामिल है।


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