क्राइम सस्पेंस : नवानगर थाने में दर्ज FIR क्रमांक 0194/19 की जांच / ख़ात्मा क्रमांक 07/19 रिपोर्ट का पूरा सच
क्राइम सस्पेंस : नवानगर थाने में दर्ज FIR क्रमांक 0194/19 की जांच / ख़ात्मा क्रमांक 07/19 रिपोर्ट का पूरा सच

TOC NEWS @ www.tocnews.org


खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036



आखिर उदय प्रताप सिंह (यू0पी0 सिंह) थाना प्रभारी क्यों बचाना चाहते हैं आरोपीओं को



सिंगरौली - जिले में बीते हुए वर्ष का बहुचर्चित मामला माने गए फर्जी पत्रकार विकलांग नीरज गुप्ता जिला ब्यूरों ANI News India ( पूर्व जिला ब्यूरों बारूद बनी कलम ) पर जानलेवा हमला आखिरकार इतना गहराता क्यों जा रहा हैं | आखिर क्या हैं राज उक्त मामले को नष्ट करने के पीछे?, आखिर क्यों जांच पर उठते जा रहे सवाल पर सवाल !!!


चलिए उठाते हैं पर्दा उक्त मामले की जांच सस्पेंस से


जैसा कि आप सब जानते हैं पिछले वर्ष खबर की सत्यता को लेकर हुई महा संग्राम पर कुछ सच्चे पत्रकारों व कुकर्मिओं की टोली द्वारा माने गए फर्जी पत्रकार नीरज गुप्ता पर जानलेवा हमला कर ब्राम्हण समाज का चोला पहन जिले के लगभग समस्त चौकिओ व थानों में तमाम सच्चे पत्रकारों व कुकर्मियों की टोली द्वारा दवाव बनाने शिकायत के साथ सफलता पूर्वक फर्जी मामला भी दर्ज करा लिया गया था | वही जहां नवानगर थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह द्वारा उक्त मामले की जांच रिपोर्ट में यह कह कर ख़ात्मा लगवा दिया गया कि फरियादी के मोबाइल का लोकेशन घटना समय पर घटना स्थल से 17 किलो मीटर दूर कचनी में मिला हैं |


इसे भी पढ़ें :- हनीट्रैप गैंग में व्यवसायी, अधिकारी और मीडियाकर्मी भी थे शामिल


आइये समझते हैं उक्त जांच रिपोर्ट की पूरी सच्चाई एक नजर में


थाना प्रभारी द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत में दिए गए जानकारी के मुताबिक फरियादी "नीरज गुप्ता घटना समय, घटना स्थल हरैया ग्राम से 17 किलों मीटर दूर कचनी ग्राम में फरियादी के मोबाइल का लोकेशन मिला बताया गया" जिससे उक्त जांच से एक बात तो तय मानी जा रही हैं कि फरियादी नीरज गुप्ता बरगवां से बैढ़न ही जा रहा था जिसे थाना प्रभारी ने मोबाइल लोकेशन से स्पस्ट कर दिया गया |


परन्तु जांच रिपोर्ट में थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह द्वारा यह बात पूणतः गलत / झूठी रिपोर्ट दिया गया हैं कि घटना स्थल ग्राम हरैया से ग्राम कचनी की दूरी 17 किलो मीटर हैं, जबकि यह पूणतः सत्य हैं कि बरगवां से बैढ़न की कुल दूरी 27 किलों मीटर हैं जिसमे घटना स्थल से कचनी की दूरी मात्र 10 किलों मीटर हैं, घटना स्थल से बैढ़न की दूरी 15 किलों मीटर, बरगवां से घटना स्थल की दूरी 12 किलों मीटर, यही नही घटना स्थल से आरोपी के गृह ग्राम डिग्घी की दूरी मात्र 0.6 किलों मीटर हैं | बावजूद थाना प्रभारी द्वारा आखिर कार झूठी रिपोर्ट पर उक्त मामले में ख़ात्मा क्यों लगवाया गया!!!


इसे भी पढ़ें :- फर्जी नियुक्ति पत्र देकर धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार


यही नही उक्त सी.एम. हेल्पलाइन में दिए गए जानकारी में थाना प्रभारी द्वारा बताया गया कि घटना समय हमलावर का मुख्य आरोपी / सदस्य अपने गृह ग्राम डिग्घी जो कि घटना स्थल से मात्र 0.6 किलों मीटर हैं, पर अपने घर पर ही बीमार था | उक्त जांच से ऐसा लगता हैं कि थाना प्रभारी आरोपी की दवा स्वयं करवा रहे थे !!! इतनी समपैथी भला उक्त आरोपी से कैसे हो सकती हैं !!! जबकि एक गुप्त (नाम छुपाया जा रहा) पत्रकार को टेलीफोन पर दिए इंटरब्यू में जांच अधिकारी जय नारायण श्रीवास्तव द्वारा जानकारी दिया गया कि उक्त घटना में हमलावर अविनाश पाण्डेय घटना समय बनारस के किसी हॉस्पिटल में पिछले तीन दिनों से बीमार व भर्ती हैं | और बताया गया कि फरियादी का हमलावर अविनाश के पिता पत्रकार राकेश पाण्डेय से पिछले कई दिनों से बिवाद भी रहा हैं | जिससे यह तो आईने की तरह साफ नजर आ रहा हैं कि उक्त घटना को पत्रकार राकेश पाण्डेय ने अपने ही बेटे से जानलेवा हमला करवाया था | पर सस्पेंस यह हैं कि उक्त घटना में थाना प्रभारी व जांच अधिकारी आरोपीओं को आखिरकार क्यों बचाने का प्रयत्न कर रहे हैं |


इसे भी पढ़ें :- शिवराज सरकार का घोटाला : भोपाल को- ऑपरेटिव बैंक के 111 करोड़ के घोटाले में एमडी विश्वकर्मा, मैनेजर अनिल भार्गव सुभाष शर्मा गिरफ्तार


आइये समझते हैं - आखिरकार थाना प्रभारी व जांच अधिकारी क्यों बचाना चाहते हैं आरोपीओं को


जैसा कि एक बात तय मानी जा रही हैं कि नवानगर थाना जिले का सबसे छोटा व बहुत कम कमाऊ थाना माना जाता रहा हैं | जो कई थानों से घिरा हुआ हैं | अब ऐसे में थाना क्षेत्र अंतर्गत कमाई के कोई भी जरिया को थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह किसी भी हाल में बंद / नष्ट नही करना चाहते हैं | अब ऐसे में बरगवां से बैढ़न मुख्य मार्ग ग्राम हरैया में स्थित साई कालेज के पास बड़ी मुश्किल से दो ही गैर कानूनी शराब की दुकान चल पा रही हैं | जहा से कुछ कमाई हो पाती हैं | विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उक्त दोनों गैर कानूनी शराब की दुकानें ग्राम सरपंच रूपेश पाण्डेय व पत्रकार राकेश पाण्डेय की संरक्षण में संचालित हैं | ऐसे में थाना प्रभारी उक्त आरोपीओं की जीहजूरी न कर उक्त मामले को ख़ात्मा न लगाएं तो क्या करें !!!


कौन - कौन हो सकते हैं उक्त घटना के संभावित आरोपी का पूरा सस्पेंस बहुत जल्द अगले अंक के साथ तब तक पड़ते रहिये http://aninewsindia.com


Popular posts
एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच निश्चल झरिया के विरुद्ध न्यायिक जांच की मांग, थाने में बैठाकर समझौता करवाने का आरोप, नहीं करने पर फर्जी मुकदमे में फ़साने की धमकी
Image
विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया के आपराधिक प्रकरण में जबलपुर न्यायालय में पेशी, कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज
Image
फर्जी पुलिस बन नौकरीपेशा महिलाओं से शादी का झांसा देने वाला आरोपी गिरफतार
Image
सत्यकथा : बरसात की वह अंधेरी रात मुझे आज भी याद है....कैसे भुल सकता हूँ उस रात को : मो.रफिक अंसारी
Image
दैनिक वांटेड टाइम्स के संपादक संदीप मानकर को खबर प्रकाशन के मामले के प्रकरण में भोपाल से गिरफ्तार कर हरियाणा पुलिस ले गई
Image