हाईकोर्ट ने पुलिस पर लगाई 5 लाख की कास्ट, आरोपी की जगह निर्दोष को जेल भेज दिया, पुलिस अफसरों की लापरवाही पर बड़ा आदेश |
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इंदौर । इंदौर पुलिस ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि हाईकोर्ट भी नाराज हो उठा। हाईकोर्ट में 5 लाख की कास्ट लगाई है और तत्काल 68 साल के उस व्यक्ति को जेल से मुक्त करने के आदेश दिए हैं इंदौर पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार किया था।
दरअसल पुलिस रिकॉर्ड में हत्या के मामले में एक आरोपी फरार चल रहा था। असल में उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने फरार आरोपी को गिरफ्तार दिखाने के लिए उसी के नाम वाले दूसरे व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया ।
एक जनहित याचिका में हाईकोर्ट की डीबी बेंच द्वारा जारी आदेश के तहत दागी और दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ शासन को जल्द से जल्द और सख्त कार्यवाही करना है, वही ट्रायल कोर्ट को भी आदेश दिया है कि वो जल्द से जल्द पुलिस अफसरों के विरुद्ध कोर्ट में पेंडिंग केस में निर्णय जारी करें। अब याचिकाकर्ता महेश की तरफ से एडवोकेट सचिन पटेल और देवेन्द्र चौहान द्वारा लगाई एक नई रिट याचिका (बंदी प्रत्यक्षीकरण) में दिनांक 10/02/2020 को इंदौर हाईकोर्ट के जस्टिस एस.सी.शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की डीबी बेंच ने पुलिस (राज्य शासन) पर 05 लाख की कास्ट लगाई है, जो तीस दिन के अंदर याचिकाकर्ता के खाते में जमा करना है । हाईकोर्ट में शपथ पत्र पर ग़लत (झूठी) जानकारी देने के कारण SDOP पर अवमानना का केस भी चलेगा.
मामला पुलिस की गम्भीर लापरवाही और मनमानी का
धार के बाग थाना प्रभारी ने कमलेश के पिता हुसेन पिता रामसिंग को किसी दूसरे आरोपी की जगह गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया, जो इंदौर की सेंट्रल जेल में चार महीने से बंद है । इस मामले में कोर्ट ने पुलिस की गम्भीर लापरवाही मानते हुए पाँच लाख की कास्ट लगाई है । याचिका में पीएस गृह मंत्रालय, DGP, जेल अधीक्षक इंदौर, SP धार और थाना प्रभारी बाग को पार्टी बनाया है ।