मौलिक अधिकारों के हनन एवं ओद्यौगिक प्रदूषण की जांच होगी, 5 सदस्यीय जांच दल गठित #ANI_NEWS_INDIA |
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा जं. ओद्यौगिक नगर नागदा में आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की नई दिल्ली बेंच के निर्देश पर जिला कलेक्टर एवं दंडाधिकारी उज्जैन द्वारा गठित 5 सदस्यीय जांच दल कल दिनांक 20/03/2020 को नागदा स्थित ओद्यौगिक इकाइयों का दौरा कर गंभीर जल, वायु एवं भूमि प्रदूषण एवं विगत 10 वर्षों में उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों की मृत्यु सहित विभिन्न अनियमितताओं एवं मामलों में जांच कर अपनी रिपोर्ट मध्यप्रदेश शासन के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दर्ज केस में प्रस्तुत करेंगी।
याचिकाकर्ता दीपक 'पप्पी' शर्मा ने बताया कि उनकी याचिका के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, नागदा की अध्यक्षता में गठित जांच दल द्वारा कल उद्योगों एवं शिकायत के बिंदुओं के संबंध में चिन्हित विभागों का निरीक्षण करेगी । उक्त समिति में श्री एसके धारीवाल (कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उज्जैन), डॉ. अनुसुइया गवली ( जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी, उज्जैन) श्री सतीश मट्सैनिया (मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नागदा) श्री एसएन द्विवेदी ( क्षेत्रीय अधिकारी, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उज्जैन) एवं श्री आत्माराम सोनी ( महाप्रबंधक, ओद्यौगिक विकास निगम, उज्जैन) को कल की कार्यवाही में स्वयं शामिल होने से संबंधित निर्देश अनुविभागीय अधिकारी नागदा ने जारी कर दिए है ।
दीपक शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा विगत कई वर्षों से नागदा के आम नागरिकों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अन्तर्गत प्रदान मौलिक अधिकारों के उल्लघन एवं क्षेत्र में गंभीर जल, वायु एवं भूमि प्रदूषण की शिकायत की गई थी। जिसपर आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू द्वारा जिला कलेक्टर, उज्जैन और चेयरमैन, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश पूर्व में जारी किए गए थे जिसपर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करने पर आयोग द्वारा दोबारा दिशानिर्देश जारी करने के पश्चात आनन फानन में जांच दल का गठन किया गया था जो अब उक्त मामले में जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगा ।