मौलिक अधिकारों के हनन की जांच क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी एसएन द्विवेदी के विवाद के पश्चात अटकी |
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा जं. नागदा में मौलिक अधिकारों के हनन और ओद्यौगिक प्रदूषण की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की नई दिल्ली बेंच के निर्देश पर जिला कलेक्टर द्वारा गठित 5 सदस्यीय जांच दल द्वारा आज नागदा में निरीक्षण के दौरान जांच दल के सदस्य क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी एसएन द्विवेदी द्वारा शिकायतकर्ता दीपक शर्मा और पर्यावरण कार्यकर्ता अभिषेक चौरसिया के साथ अभद्रता किए जाने एवं चिन्हित जगहों पर से प्रदूषण की जांच नहीं करने के पश्चात जांच निरीक्षण से शिकायतकर्ता ने किनारा कर लिया हैं।
एसएन द्विवेदी द्वारा जगह जगह जांच को प्रभावित किया गया -
पहला मामला -
शिकायतकर्ता दीपक शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय अधिकारी एसएन द्विवेदी ने जांच के दौरान जगह जगह जांच को प्रभावित करने का कार्य किया है और हर उद्योग में बिना किसी दस्तावेजों के निरीक्षण और पंचनामा बनवाए कार्यवाही करने का दिखावा किया हैं । जांच के दौरान जब लेक्सेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में भूसे के प्लांट के संबंध में उमरना और मेहतवास के प्लांट के दस्तावेज मांगे गए तो श्री द्विवेदी द्वारा उद्योग के पक्ष में बात कर मामले को दबाने का प्रयास किया गया और उन्हें किसी भी दस्तावेज को प्रस्तुत नहीं करने दिया । दूसरे विभाग का हवाला देकर बार बार जांच को टालते रहे । जबकि लेक्सेस इंडिया द्वारा भारी धांधली कर पूर्व में जारी शौकाज नोटिस के निर्देशों का आज दिनांक तक पालन नहीं किया गया था।
दूसरा मामला -
ग्रेसिम उद्योग में जांच के दौरान जब शिकायतकर्ता द्वारा उद्योग के सिम्प्लेक्स, स्प्पिन्निंग एवं सीएस 2 प्लांट में जाने की मांग की गई तो उसके भी विरोध में श्री एसएन द्विवेदी आ गए और इस दौरान सार्वजनिक रूप से एसडीएम नागदा से फोन पर उस संबंध में जांच करने के आग्रह पर चर्चा के दौरान उन्हें यह तक कह दिया कि आप इतना दबाव बनवाकर मुझसे कार्य नहीं करवा सकते हैं । इसके अतिरिक्त जिला कलेक्टर के संबंध में भी यह टिप्पणी कर दी कि अगर उन्हें आपत्ति हैं तो वे स्वयं आए और उद्योगों का निरीक्षण कर सकते हैं ।
इस तरह के टीका टिप्पणी और जांच को प्रभावित करने के श्री एसएन द्विवेदी के दुर्व्यवहार से असंतुष्ट होकर शिकायतकर्ता दीपक शर्मा ने जांच से अलग होने का निर्णय किया क्योंकि यह सिर्फ बनावटी जांच बनाने के उद्देश्य से श्री एसएन द्विवेदी ने पूरी जांच को प्रभावित करने का कार्य किया है । ना ही ग्रेसिम केमिकल डिवीजन और न ही गुल ब्रांड सन लिमिटेड में जांच के लिए गए और ना ही जिनके विरूद्ध शिकायत थी उनके बयान लिए गए । बिना किसी वायु मापक यंत्र के वायु प्रदूषण जांचने आ गए । जिससे साफ प्रतीत होता है कि लीपापोती करके जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है ।
शिकायतकर्ता दीपक शर्मा ने कहा अब अपूर्ण और एक पक्षीय रिपोर्ट शासन अपनी ओर से आयोग में प्रस्तुत करे, उसे आयोग की नई दिल्ली बेंच में विचाराधीन मामले में आगामी सुनवाई में देखा जाएगा ।