एसडीएम नेहा साहू महोदया ने 2 पत्रकारों पर दो चार लठ्ठ बजाने का हुक्म दिया, सुने वार्तालाप की रिकॉर्डिंग, पत्रकारों में आक्रोश |
TOC NEWS @ www.tocnews.org
खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036
धार बदनावर एसडीएम नेहा साहू ने दो पत्रकारो पर लठ्ठ बरसाने के आदेश क्या दिए, चहुओर हंगामा हो गया, मुख्यमंत्री से लेकर जनसम्पर्क अधिकारी के आदेशों को हवा में उड़ाने की इस वक्त चर्चा आम है। इधर एसडीएम नेहा साहू ने धार कलेक्टर द्वारा उक्त मामले को लेकर जारी शोकॉज नोटिस का भी लगे हाथ जवाब दे दिया।
वही धार पुलिस कप्तान ने इस मामले की जांच बदनावर एसडीओपी को सौप दी है। लेकिन क्या यह मामले की इतिश्री है। क्योंकि एसडीएम के वायरल आडियो में खुद महोदया पत्रकारो पर दो चार लठ्ठ पटकने का हुक्म दे रही है। वही दूसरी तरफ धार प्रेस के कुछ जिम्मेदार सोशल मीडिया पर एक रस्म अदायगी करने के बाद खुद के कंधे उचका रहे है। और उंगली कटाकर शहीदों में अपना नाम लिखवा रहे है।
एसडीएम नेहा साहू मेडम ने 2 पत्रकारों पर दो-दो लठ्ठ बजाने का हुक्म दिया, सुने वार्तालाप की रिकॉर्डिंग
लेकिन यह जो जमीनी पत्रकारो के साथ हुआ, क्या इससे सबकुछ भरपाई हो जाएगी। खेर बात करते है पूरे मामले की तो इस ऑडियो क्लिप में साफ साफ सुनाई दे रहा है कि पत्रकारो ने अपना परिचय एसडीएम को फ़ोन पर दिया। फिर sdm कैसे खेद व्यक्त करते हुए कह रही है कि इन पत्रकारो का नम्बर सेव नही था। इसलिए यह सबकुछ हो गया। अरे महोदया आपको स्पष्ठ यह पत्रकार बता रहा है कि हम दो पत्रकार, मास्क पहनकर निकले है, हमे रोका गया और बात करवाने का कहा जा रहा है। फिर भी आपसे ऐसी चूक हो गयी। यकीन मानिए इसके बाद भी यह पूरा माजरा व्यक्तिगत प्रतीत होता है।
जिसके चलते ही यह पूरा घटनाक्रम घटित हुआ। यही नही महोदया अब आप जिन शब्दो की जादूगरी बताते हुए खेद व्यक्त कर रही है। आप किन्हें गुमराह कर रही है। वह भी शब्दो के जादूगरों को। जो दिनरात इन शब्दों से ही खेलते है। महोदया हमारे कुछ जिम्मेवार भले ऐसे रस्म अदायगी कर ले। लेकिन क्या आपको यह नही लगता है कि इस संकट की घड़ी में मध्यप्रदेश का एक एक पत्रकार सरकार और प्रशासन से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। खुद की परवाह नही किये बिना भी सड़को पर उतरा हुआ है।
प्रशासन, पुलिस और सरकार का हरसंभव सहयोग करने में साथ है। फिर भी एसडीएम महोदया आप ने परिचय देने के बाद पत्रकारो के साथ ऐसा व्यवहार करने के आदेश दिए। यह घोर निदनीय है। महोदया, हम जानते है अब इस मामले में नूराकुश्ती का दौर चलेगा। क्योकि आपके साथ तो सभी आपके सहयोगी है लेकिन हम पत्रकारो का दुखड़ा ही यह है कि हम मेसे कोई आवाज उठाता है तो हमारे मेसे ही कुछ चाटुकार उस आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिश करते रहते है।
क्योकि सभी का ठेका इन कुछ चरणसिंह ने तो ले रखा है। और इन्हें आइना दिखाओ तो इन्हें मिर्ची अलग से लगती है। लेकिन हां एसडीएम महोदया आपने जो इन दो पत्रकारो भाइयो के साथ किया बहुत गलत किया। इस तरह मीडिया का माखोल उड़ाना, उनकी इस तरह बेज्जती करना असहनीय सा महसूस हो रहा है।