पलक अग्रवाल कोरोना निगेटिव रिपोर्ट आने पर मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज, पलक ने कहा बेहतर चिकित्सा मिली, डॉक्टर तो भगवान हैं |
जिला ब्यूरो चीफ जबलपुर // प्रशांत वैश्य : 79990 57770
जबलपुर. कोरोना के खिलाफ जबलपुर का संघर्ष अब कामयाबी की तरफ बढ़ रहा है। पल-पल जिंदगी के लिए लड़ी और कोरोना को मात देने वाली पलक अग्रवाल को आज नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर दिया गया। पलक को अब होम क्वारेंटाइन में रखा गया है।
प्रदेश भर में सबसे पहले जबलपुर में ही कोरोना पॉजिटिव मरीज पाये गये थे। इन सबको मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इलाज हेतु भेजा गया था। इनमें दुबई से जबलपुर पहुंचे मुकेश अग्रवाल, उनकी पत्नी एवं बेटी पलक अग्रवाल और स्विटजरलैण्ड से जबलपुर आए उपनिषद शर्मा शामिल थे। अग्रवाल दंपत्ति और उपनिषद शर्मा की रिपोर्ट निगेटिव आने पर इन्हें पहले ही 5 अप्रैल को डिस्चार्ज किया जा चुका है। जबकि अग्रवाल दम्पत्ति की बेटी पलक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही उसका इलाज किया जा रहा था। पलक की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अंतत: आज पलक को भी डिस्चार्ज कर दिया गया।
प्रदेश में सबसे पहले जबलपुर में कोरोना के मिले चार पॉजिटिव मरीजों में से अब सभी की छुट्टी हो चुकी है और वे अपने-अपने घरों में क्वारेंटाइन में रह रहे हैं। जबलपुर जिले में कोरोना वायरस के कुल नौ पॉजिटिव मामले सामने आये थे इनमें से पाँच मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। छुट्टी पाने वालों में तीन अग्रवाल परिवार के सदस्यों सहित उपनिषद शर्मा और प्रभुदयाल पटेल शामिल हैं। शेष सभी संक्रमितों के स्वास्थ्य में भी तेजी से सुधार हो रहा है।
पलक अग्रवाल ने मेडिकल कॉलेज से छुट्टी मिलने के बाद खुशी व्यक्त करते हुए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ का शुक्रिया अदा किया। पलक ने कहा कि जबलपुर एक अच्छा शहर है और यहां अच्छी चिकित्सा सुविधाएं भी हैं। मैं मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुंचते ही यहां की चिकित्सा व्यवस्था देखकर चकित रह गई। यहां वेंटीलेटर सहित सभी तरह की सुविधाएं हैं। यहां मेरे और मेरे माता-पिता के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा गया। बेहतर चिकित्सा मिली। बहुत अच्छे से सभी ने केयर किया। नर्सों ने बार-बार आकर सेहत के बारे में पूछा, दिलासा दिया और हौसला बढ़ाया।
पलक ने खासतौर पर मोनिका नामक नर्स की कार्यशैली और व्यवहार पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि पूरा स्टॉफ कोआपरेटिव है। सबको धन्यवाद। इन्होंने बहुत अच्छे से केयर की मेरी। यहां भर्ती सभी मरीजों की अच्छे से देखभाल हो रही है। जबलपुरवासियों को धन्यवाद देते हुए पलक ने कहा कि डॉक्टर तो यहां भगवान ही हैं। मुझे पहले असमंजस हुआ कि मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ गई। लेकिन मुझे डर नहीं लगा, हाँ बुरा जरूर लगा।
उन्होंने कहा कि अस्पताल स्टॉफ मेरा हौसला बढ़ा रहे थे कि आपको ठीक होना ही है। मेरी संकल्प शक्ति भी कह रही थी कि मुझे ठीक होना ही है, मुझे पूरे मेडिकल स्टॉफ का काफी सपोर्ट मिला। मेरा आत्मविश्वास हमेशा ऊंचा रहा है। इसी वजह से मैं आज यहां से पूरी तरह से ठीक होकर जा रही हूं।