लेंनसेक्स इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड ने लॉक डाऊन का खुब उठाया फायदा, परमिशन की आड़ में एसिड का व्यापार |
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा. जिला उज्जैन के औद्योगिक शहर नागदा में बहुराष्ट्रीय कंपनी लेंनसेक्स इण्डिया प्रायवेत लिमिटेड का गोरखधंधा शहर एवं अधिकारीयों के सामने हो गया है उजागर । कोविड 19 के लॉक डाऊन में सेनेटाईजर बनाने के नाम पर परमिशन ले कर एसिड का प्रोडक्सन क्षमता से अधिक किया गया है। जिसे बेचने का कार्य कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
एसिड से भरा हुआ टैंकर गुजरात के लिये लेन्सेक्स से रवाना हुवा जो नागदा से लगभग 8 किलो मीटर जाने के बाद ग्राम बुरानाबाद के समीप अत्यधिक दाब के कारण एसिड से भरे हुवे टैंकर का वाल लीकेज हो गया, जिसके कारण व्यस्ततम मार्ग पर एसिड का रिसाव होने लगा जिसकी वजह से समीप ही कृषि भूमि में बह कर जाने लगा ।
एसिड की ज्वलन शील गैस इतनी खतनाक तरीके से निकली कि आने जाने वाले लोगों में हड़कम मच गया
सूत्रों सी मिली जानकारी के अनुसार एएनआई न्यूज़ इण्डिया सवांदाता द्वारा जानकारी जुटाई गई । जानकारी में टैंकर लेंनसेक्स इण्डिया प्रायवेत लिमिटेड के द्वारा निकाला गया था। नागदा रोड पर ग्राम उमरना के पहले हनुमान मंदिर के आगे से गुजर रहे टैंकर से जहरीला रसायन बहना प्रारंभ हो गया था।
सूत्रो से जानकारी मिली है की बुराना बाद के सरपंच माणक दास बैरागी द्वारा टैंकर को सड़क से निचे उतरवा कर खड़ा कराया गया था। टैंकर से जहरीले रसायन के रिसाव के कारण वातावरण मे जहरीली गैस फैलने से राहगीरों को सांस लेने मे तकलीफ़ों को सामना करना पड़ा। नायब तहसीलदार शिवकांत पान्डे ने हायड्रोकलोरिक एसिड होना बताया है।
लेंनसेक्स उद्योग के अधिकारी पिन्टू दास एवं संजय सिंह के लिये यह तो केवल खेल प्रतीत होता है क्यो की उद्योग के अधिकारी को फोन लगाने पर फोन नही उठाना और जानकारी छुपाना बाये हाथ का खेल है जो जग जाहिर है। उद्योग के अधिकारी अपनी गलतियों पर पर्दा बड़ी ही चतुराई से डालना जानते है।
लेंनसेक्स उद्योग के आस पास बसे रहवासियों के लिये यह आए दीन की परेशानी है कभी गैस का प्रभाव तो कभी बायोमास में पनपने वाले काले कीड़ो से तो कभी उद्योग के पावर प्लांट की चिमनी से निकलने वाली डस्ट से उद्योग के समीप रहने वाले लोगों के लिये मुसीबत का सबब बना हुवा है ।
रहवासीयों को खतरनाक बीमारियों से घेरता जा रहा है लेन्सेक्स उद्योग
रहवासियों में अनेकों बीमारियां घर करती जा रही है जैसे केसर,ह्रदय घात , लकवा , साँस की बीमारी , टी.वी , इत्यादी।
स्थानीय रहवासियों की सुनने वाला कोई नही है जो आन्दोलन करते है उन्हें कूछ समय बाद उद्योग के कार्यक्रमो में देखा जाता है ओर बेचारी जनता मन ही मन कोसती रहती है अपने आप को ओर उद्योग को।
कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कोविड 19 लॉक डाऊन के दौरान दी गई परमिशन की उद्योग ने खूब धज्जियाँ उड़ाई है।
परमिशन मिली थी सेनेटराजर बनाने की जो देश हित के लिये दी गई थी किन्तु यह उद्योग अपने हित लाभ को देखते हुवे हाइड्रोक्लोरिक एसिड के प्रोडक्सन में लगा था। प्रोडक्सन भी 60% से बढ़ा कर 90% तक किया गया है जो शासन की आखों में धुल झोकने का काम लेन्सेक्स ने किया है।लेन्सेक्स सेनेटाईजर बनाने की बात करता है जो खुद नागदा के पंजाब जनरल से मंगवाता है उद्योग कौन सा सेनेटाईजर बनाता है यह तो उच्च अधिकारी पिन्टू दास ओर संजय सिंह को ही पता है जो अपने चालाक दिमाग से इस हद तक जा कर अपने कार्यो को अंजाम दे रहे है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला उज्जैन - एस. एन. द्विवेदी जी ने क्या कहाँ
आपके द्वारा मुझे जानकारी मिली है । निश्चित ही कार्यवाही होगी । लेंनसेक्स इण्डिया प्रायवेत लिमिटेड को सेनेटराजर बनाने वाले केमिकल्स की परमिशन दी गई थी। जिसका उद्योग दुरुपयोग कर एसिड बना रहा है । उद्योग कोविड 19 लॉक डाऊन के समय गलत फायदा उठा रहा है।