मनीष सिंह ने गुटका किंग किशोर वाधवानी के साथ मिलकर किया 700 करोड़ का घोटाला |
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- विजया पाठक
आईएएस मनीष सिंह पर अपराध दर्ज होना चाहिए क्योंकि इस पूरे खेल में मनीष सिंह प्रमुख अपराधी है
लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईएएस मनीष सिंह को प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर कलेक्टर बनाया था। मनीष सिंह को उस समय इंदौर का जिम्मा सौंपा था जब शहर में कोरोना का व्यापक कहर बरप रहा था। दिनों-दिन कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही थी। साथ ही लॉकडाउन का खुला उल्लंघन हो रहा था।
उम्मीद की जा रही थी कि मनीष सिंह को कमान सौंपने से स्थितियां सुधर जाएंगी। प्रशासन मुस्तैदी से काम करेगा। प्रशासन ने कोरोना को लेकर मुस्तैदी भी दिखाई। लेकिन लॉकडाउन की आड़ में मनीष सिंह ने गुटका कारोबारी और दबंग दुनिया अखबार के मालिक किशोर वाधावानी को लाभ पहुँचाते हुए 700 करोड़ का घोटाला कर डाला। निश्चित है इस घोटाले में मनीष सिंह के भी बारे-न्यारे हुए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चहेते अफसर मनीष सिंह ने लगभग 700 करोड़ रुपये का गुटका, पान-मसाला बिकवा डाला।
मतलब साफ है कि लॉकडाउन जैसे समय में किशोर वाधवानी का कारोबार खूब फला-फूला। इतना ही नही मनीष सिंह ने प्रदेश में केवल किशोर वाधवानी का गुटका पान-मसाला बेचने की व्यवस्था करवाई। प्रदेश भर के अलावा 35 ट्रकों से माल पहुँचवाने की व्यवस्था करवाई। वही मनीष सिंह ने 180 से अधिक बार किशोर वाधवानी से फोन पर बातचीत की। इस घोटाले में म.प्र.शासन को 280 करोड़ रुपये का चूना लगा। कर चोरी के साथ-साथ गुटका के घोटाले में लॉकडाउन का भी खुला उल्लंघन हुआ।
स्वाभाविक है कि शोकर वाधवानी के कारोबारी को गैर-कानूनी रूप से बढ़ावा देने में मनीष सिंह ने पूरा-पूरा साथ दिया। आपको बता दें कि यह वहीं मनीष सिंह है जिनके इंदौर नगर निगम के कमिश्नर रहते हुए संपूर्ण देश में इंदौर स्वच्छता के मामले में दो बार प्रथम स्थान पर रहा। नकि कमिश्नर रहते हुए बहुत अच्छा काम किया। यही कारण रहा कि शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता संभालते ही मनीष सिंह को इंदौर के कलेक्टर बना दिया था। लेकिन मनीष सिंह ने इस बार शिवराज की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
पैसों के लालच में उसने शासन को करोड़ों का चूना लगा दिया। अब मामला उजागर होने के बाद सरकार ने किशोर वाधवानी पर तो कार्यवाही करते हुए पत्रकार अधिमान्यता खत्म कर दी है और जांच की जा रही है, पर अभी तक मनीष सिंह पर शासन ने कोई कार्यवाही नही की। अब सवाल उठता है कि क्या शिवराज अपने चहते अफसर पर कार्यवाही करेंगे। क्या इस घोटाले में शासन को जो करोड़ों रुपये की हॉनि हुई है उसकी भरपाई हो पाएंगी। मेरी राय में मनीष सिंह ने लॉकडाउन जैसी स्थिति में इस घोटालों को जन्म दिया है वह क्षमा लायक नही है।
मनीष सिंह पर अपराध दर्ज होना चाहिए क्योंकि इस पूरे खेल में मनीष सिंह प्रमुख अपराधी है। उसकी शह के बगैर यह घोटाला नही हो सकता था। निश्चित है मनीष सिंह को बहुत बड़ा हिस्सा मिला होगा। अब शिवराज सिंह भी सख्ती दिखाते हुए इस नुकसान की भरपाई करवाए। मनीष सिंह ने अपने पद का पूरा दुरुपयोग किया है। मनीष सिंह जैसे भ्रष्ट और घोटालेबाज अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। ताकि प्रदेश का अन्य अफसर ऐसी हिमाकत करने में सौ बार सोचे।