मेरी जिदगी में पत्रकारिता जीवन की सफलता के सबसे बड़े गुरु वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर जी : विनय जी डेविड |
हर व्यक्ति के जीवन में गुरु की भूमिका अहम होती है। गुरु एक शिक्षक के साथ ही भाई, दोस्त या कोई भी हो सकता है। इंसान के भीतर के गुणों को पहचानकर आत्मविश्वास बढ़ाकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाला ही सच्चा गुरु होता है।
पत्रकारिता जीवन की सफलता के सबसे बड़े गुरु वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर जी
मेरी जिदगी में सबसे बड़ा स्थान गुरु प्रखर पत्रकार आलोक तोमर जी का रहा है।
मीडिया और राजनीतिक पकड़ रखते हुये अपनी लेखनी से हर सवालों का मुंहतोड़ जवाब दिया, सम्मानीय गुरु आलोक तोमर जी का कोई तोड़ नही रहा, अपराध और सामाजिक सरोकार के मुद्दों से जुड़ी पत्रकारिता में अपना विशेष स्थान बनाया. गुरुजी ने जो अपनी छाप छोड़ी वह किसी से अछूती नहीं रही, पत्रकारिता में जज्बा हौसला और खबरों को प्रस्तुतीकरण हमने बखूबी आलोक जी से सीखी।
गुरुजी की खबरों का हम प्रतिदिन अध्ययन करते रहे और उनकी बेबाक खबरों को उनके इंकार करने के बाद भी हम अपने अखबारों में प्रकाशित करते रहे। गुरु जी के द्वारा संचालित वेबसाइट "डेटलाइन इंडिया" और गुरु जी का मार्गदर्शन की वजह से हम पत्रकारिता के क्षेत्र में सफल होकर बढ़ते रहे। हमारे "टाइम्स ऑफ क्राइम" समाचार पत्र में गुरुजी अलोक तोमर की खबरों का स्थान मुख्य और आवश्यक रहा, उनकी खबर और लेखनी से मुझे और समाचार पत्र और समाचार पत्र से जुड़े पाठकों को सदा ऊर्जावान रखा।
वीडियो पर क्लिक करके देखें पूरी वीडियो ख़बर...
.
जाने अनजाने में उनकी खबरों के लिए मैं विनय उनसे कई बार लड़ा, गुरुजी नहीं चाहते थे मैं उनकी खबरों का प्रकाशन अपने समाचार पत्रों में करूं, उनका कहना था कि आप खुद अपना मुकाम बनाओ सीखो पढ़ो लिखों और आगे बढ़ो। परंतु में गुरु जी की लेखनी स्टाइल से इतना प्रभावित रहा कि मैं "टाइम्स ऑफ क्राइम" में संपादक रहते हुए अपने आप को रोक नहीं पाता था, मैं चाहता था कि उनकी एक एक निष्पक्ष निडर स्वच्छ और दबंग लेखनी के शब्द बाण एक एक पाठक तक पहुंच जाए। ( उस समय सिर्फ कंप्यूटर का जमाना था एंड्राइड मोबाइल नहीं हुआ करते थे हम अपनी सामग्री केवल कंप्यूटर या समाचार पत्रों के माध्यम से पाठकों तक पहुंचा पाते थे )
पत्रकारिता जीवन की सफलता के सबसे बड़े गुरु वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर जी
मुझे जो गुरु जी आलोक तोमर जी से प्रेरणा मिली सीखा, गुरुजी की वजह से आज मैं अपने इस मुकाम पर बेहतर तरीके से खड़ा हूं मैं उनका बेहद शुक्रगुजार हूं कि ऐसी शख्सियत आपका आशीर्वाद मैं और ले पाता है शायद मेरी किस्मत में नहीं रहा और इसी बीच मात्र 50 वर्ष की आयु में गुरु जी हमसब को छोड़ कर चले गए.... अब प्रतिदिन हमारी यादों में है गुरु आलोक तोमर जी..
शायद ही अब मेरे जीवन में आप जैसा गुरु कोई और गुरु मिल पता... जिससे मैं शेष ज्ञान और मार्गदर्शन पाकर पूर्ण हो पता... आपके जाने से जो कमी और छति मुझे और इस समाज को हुई कभी पूरी नहीं हो सकेगी ...
ऐसी शिक्षा ज्ञान हौसला जज्बा मार्गदर्शन ऊर्जा देने वाले
गुरु आलोक तोमर जी को नमन नमन नमन।
विनय जी डेविड
आपका, सदा आपके चरणों में
शिष्य, चेला, शागिर्द
9893221036