वीडियो ख़बर : प्रशासन की लाख पाबंदियों के बावजूद 1 दिन पूर्व गोटमार मेला हुआ प्रारंभ
वीडियो ख़बर : प्रशासन की लाख पाबंदियों के बावजूद 1 दिन पूर्व गोटमार मेला हुआ प्रारंभ

 


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ब्यूरो चीफ पांढुर्ना, जिला छिंदवाड़ा // पंकज मदान  9595917473 


पांढुरना (छिंदवाड़ा ) सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में बसे छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्ना तहसील में प्रतिवर्ष भाद्रपद एकम को जाम नदी के तट पर मेला लगता है जो गोटमार मेले के नाम से प्रसिद्ध है 
इस वर्ष कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए स्थानीय निवासियों की सहमति से प्रशासन की उपस्थिति में निर्णय लिया गया था.


जिसमें इस बार पोला पर्व सामूहिक रूप से ना मनाने का निर्णय लिया था तथा गोटमार मेला भी ना मनाने का निश्चय लिया था लेकिन लोगों ने आज स्वीकार नहीं किया और परिणाम स्वरूप गोटमार मेला 1 दिन पूर्व ही प्रारंभ हो गया कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इस वर्ष पोला पर्व एवं गोटमार मेला स्थगित रखा जाएगा परंतु आज ग्राम सावरगांव में आंशिक रूप से पोला पर्व का भी आयोजन किया गया.


तथा पोले की समाप्ति के पश्चात जाम नदी के तट पर दोनों ओर से पत्थरबाजी भी हुई जिसे हम गोटमार मेला कहते हैं सावरगांव पक्ष के खिलाड़ी आक्रांत होकर पांढुरना की सीमा में पत्थरबाजी करते हुए घुसे जवाब में पांढुर्णा वासियों ने भी पत्थरों से उसका जवाब दिया गोटमार मेले के पीछे कई किवदंतिया जुड़ी है.


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जिसमें एक प्रमुख है पांढुरना पक्ष के लड़के को सावरगांव पक्ष की लड़की से प्यार हो गया था और वह उसे भगाकर पांढुर्णा ला रहा था इस बीच सावरगांव पक्ष के लोगों ने उस युवक एवं युवती पर पत्थरों से हमला किया परिणाम स्वरूप पांढुर्ना के पक्ष के लोग भी आ गए और उन्होंने भी सावरगांव पक्ष के लोगों पर पत्थरों से हमला प्रारंभ कर दिया. उस पत्थरबाजी में उन दोनों की मौत हो गई उन्हीं की याद में प्रतिवर्ष गोटमार मेला लगता है .


सावरगांव की ओर से कावले परिवार द्वारा पलाश के पेड़ को पूजा अर्चना कर जाम नदी के बीच में गाड़ दिया जाता है जिसे झंडा कहते हैं सावरगांव पक्ष झंडे की रक्षा करता है एवम् पांढुरना पक्ष झंडे को तोड़ने का प्रयास करता है इसके लिए सुबह 10:00 बजे से आपस में पत्थरबाजी प्रारंभ हो जाती है एक दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं जिसमें सैकड़ों घायल होते हैं कईयों की इसमें जान भी चली गई है लेकिन यह खूनी खेल आज तक नहीं रुका इस वर्ष प्रशासन ने कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए गोटमार शांति समिति की बैठक कर उसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया था की झंडे की पूजा अर्चना करने के पश्चात 5 लोगों द्वारा इसे चंडी माता के मंदिर में अर्पण कर दिया जाएगा.


लेकिन धर्म और आस्था के नाम पर खेल खेले जाने वाले इस से खूनी गोटमार मेले को आज शाम 4 -30 बजे के करीब लोगों ने पत्थरबाजी कर प्रारंभ कर दिया प्रशासन द्वारा सख्त इंतजाम किए जा रहे हैं कि गोटमार ना हो बावजूद उसके प्रशासन की लाख पाबंदियों के बावजूद गोटमार मेला आज आंशिक रूप से प्रारंभ हो गया अब कल आने वाला समय ही बताएगा कि कल गोटमार मेला होता है अथवा नहीं


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